Shodashi - An Overview
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The Mahavidyas can be a profound expression with the divine feminine, Every representing a cosmic functionality in addition to a path to spiritual enlightenment.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam
The devotion to Goddess Shodashi is often a harmonious blend of the pursuit of beauty and The hunt for enlightenment.
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और more info उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual expansion as well as the attainment of worldly pleasures and comforts.
The Mahavidyas are a bunch of 10 goddesses that symbolize various components of the divine feminine in Hinduism.
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।